tag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post5342958888596787764..comments2024-01-31T15:59:22.446+05:30Comments on संवेदना संसार: मन के माने -रंजनाhttp://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-86026796807356423122011-05-17T17:59:21.810+05:302011-05-17T17:59:21.810+05:30धार्मिक कर्मकाण्ड और निश्छल प्रेम में बहुत अन्तर ह...धार्मिक कर्मकाण्ड और निश्छल प्रेम में बहुत अन्तर है। पेम ते प्रकट होहि मै जाना । दूसरा भाग नहीं पढ पाया था । आज पढा । ईश्वर के प्रति सच्चा स्नेह भी हो , जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू । इन कथाओं को काल्पनिक कहानी न माने तो ही आनन्द प्राप्त हो सकता है मगर इतनी तर्क शक्ति भरी है आदमी के दिमाग में कि वह हर बात पर शंका जाहिर करता है साथ में तर्क भी। पहला भाग तो पढ चुका था। दौनों भाग अच्छे लगे ।BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-13775975854379230732011-05-12T12:03:22.506+05:302011-05-12T12:03:22.506+05:30जब भी तुम फ्यूजन भाषा में लिखती है तो कमल की पोस्ट...जब भी तुम फ्यूजन भाषा में लिखती है तो कमल की पोस्ट बनती है. अद्भुत भाषा से हम तुरंत खुद को जोड़ पाते हैं. बड़ी रोचक कहानी चल रही है. आगे जाकर पढ़ते हैं कि क्या हुआ.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-18249110245540232442011-05-10T02:04:14.098+05:302011-05-10T02:04:14.098+05:30विचार प्रवाह भी ढेरे दिन तक कुंद बाधित रहे तो दिमा...विचार प्रवाह भी ढेरे दिन तक कुंद बाधित रहे तो दिमाग का हालत कुछ ऐसा ही बन के रह जाता है.. बिलकुल सत्य कहा है !<br /><br />कथा सुन्दर प्रवाह लिए है..Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-56082800915109852622011-05-05T07:37:11.145+05:302011-05-05T07:37:11.145+05:30"अभाव और दरिद्रता स्वाभाविक ही चरित्र को उदात..."अभाव और दरिद्रता स्वाभाविक ही चरित्र को उदात्त बना देती है,ह्रदय को विशालता देती है."<br />आह सत्पुरुषों पर यह कैसा कटाक्ष है डॉ. रंजना? :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-44987866075527180172011-05-03T12:23:51.202+05:302011-05-03T12:23:51.202+05:30बहुत अच्छा लिखा है आपने...बहुत अच्छा लिखा है आपने...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-12344449554125379722011-05-03T06:09:26.391+05:302011-05-03T06:09:26.391+05:30बहुत बढिया लिखा है आपने।
एक साहित्य का विद्यार्थी ...बहुत बढिया लिखा है आपने।<br />एक साहित्य का विद्यार्थी होकर इस ब्लोग से अपरिचित काहे था मैं, देर आयद !<br /><br />फालो कर लिया, तोष है कि श्रेष्ठ ‘संवेदना-संसार’ से रू-ब-रू होता रहूँगा। सादर!Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-31266240069826338662011-05-02T15:42:13.629+05:302011-05-02T15:42:13.629+05:30आदरणीया रंजना जी ,
कृपया मेरे ब्लाग पर दु...आदरणीया रंजना जी ,<br /> कृपया मेरे ब्लाग पर दुबारा आने का कष्ट करें क्योंकि एक ही रचना दो बार पोस्ट हो गयी थी,जिसमे एक अधूरी थी | अब उसे सुधार दिया है |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-6608431200685033532011-05-02T11:19:18.673+05:302011-05-02T11:19:18.673+05:30कहानी में भाषा शैली की नवीनता अच्छी लगी। कथ्य भी र...कहानी में भाषा शैली की नवीनता अच्छी लगी। कथ्य भी रोचक है। अगली कड़ी पढ़ने के लिए आतुर हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-85678063571899297002011-05-02T11:00:17.028+05:302011-05-02T11:00:17.028+05:30बहुत प्रितक्षा करनी पड़ी आपके आने की ..इस बार उमीद...बहुत प्रितक्षा करनी पड़ी आपके आने की ..इस बार उमीद है ऐसा नहीं होगा<br />नि:संदेह आपका लिखना मन को शांति देता हैनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-32425487080682755112011-05-01T23:33:53.740+05:302011-05-01T23:33:53.740+05:30Welcome back ! Agle hisse mein bhakt ki bhakti kau...Welcome back ! Agle hisse mein bhakt ki bhakti kaun sa rang lati hai iski prateeksha rahegi...Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-75768894279938489252011-05-01T19:22:36.757+05:302011-05-01T19:22:36.757+05:30बहुत सुंदर ओर रोचक लगी यह कहानी|धन्यवाद|बहुत सुंदर ओर रोचक लगी यह कहानी|धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-55776020617802476512011-05-01T13:56:51.403+05:302011-05-01T13:56:51.403+05:30आप बहुत दीनो बाद कन्फूशन से फ्रेश हो कर आई हैं ......आप बहुत दीनो बाद कन्फूशन से फ्रेश हो कर आई हैं ... और बहुत ही रोचक कहानी के साथ .... धीरे धीरे कथा टर्न ले रही थी आपने क्रमश: का चिन्ह लगा दिया ... अबकी बार लंबी प्रतीक्षा न करआईएगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-91562004112377475452011-05-01T10:19:23.821+05:302011-05-01T10:19:23.821+05:30कथा तो बढ़िये है, बाकिर उ का है कि कहीं-कहीं सात्व...कथा तो बढ़िये है, बाकिर उ का है कि कहीं-कहीं सात्विक शबद आ-आकरके प्रवाह का सात्विकता को भरस्ट कर दिए हैं। <br /> उक्त टिप्पणी को मजाक में लीजिएगा। आप कहानी लेखन में सिद्धहस्त हैं। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-21673533376616470712011-05-01T10:19:17.734+05:302011-05-01T10:19:17.734+05:30कथा तो बढ़िये है, बाकिर उ का है कि कहीं-कहीं सात्व...कथा तो बढ़िये है, बाकिर उ का है कि कहीं-कहीं सात्विक शबद आ-आकरके प्रवाह का सात्विकता को भरस्ट कर दिए हैं। <br /> उक्त टिप्पणी को मजाक में लीजिएगा। आप कहानी लेखन में सिद्धहस्त हैं। आभार।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-30026726914842812822011-04-30T22:04:16.666+05:302011-04-30T22:04:16.666+05:30जारी रखें ..'स्रोता' समाज सुन रहा है ...:)...जारी रखें ..'स्रोता' समाज सुन रहा है ...:)रोचक कथा है..आगे के भाग का इंतज़ार रहेगा..<br />[भाषा भी कुछ हट कर लगी...]Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-82856499313491751342011-04-30T21:10:33.401+05:302011-04-30T21:10:33.401+05:30कहानी रोचक लगी।अगले पोस्ट का इंतजार रहेगा।मेरे पोस...कहानी रोचक लगी।अगले पोस्ट का इंतजार रहेगा।मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-23388191248132467982011-04-30T17:05:27.404+05:302011-04-30T17:05:27.404+05:30Beautifully written . Enjoyed reading.Thanks.Beautifully written . Enjoyed reading.Thanks.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-26955886575828580382011-04-30T16:04:41.090+05:302011-04-30T16:04:41.090+05:30कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |
मेरे ब्लॉग...कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |<br />मेरे ब्लॉग पर भी आयें आपका हार्दिक स्वागत है7मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-70027164307395616292011-04-30T16:04:40.854+05:302011-04-30T16:04:40.854+05:30कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |
मेरे ब्लॉग...कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |<br />मेरे ब्लॉग पर भी आयें आपका हार्दिक स्वागत है7मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-33427114757645168732011-04-30T16:04:39.332+05:302011-04-30T16:04:39.332+05:30कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |
मेरे ब्लॉग...कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी |<br />मेरे ब्लॉग पर भी आयें आपका हार्दिक स्वागत है7मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-67356540681026716972011-04-30T12:58:50.061+05:302011-04-30T12:58:50.061+05:30आदरणीया रंजना जी
अभिवादन स्वी...आदरणीया रंजना जी <br /><br /> अभिवादन स्वीकारें <br /><br />कहानी की भाषा शैली बहुत ही मनमोहक लगी | मन को बाँधे रखने में सफल कहानी का अंत भी मनोरंजक और प्रेरणाप्रद होगा ................इंतज़ार है |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-49762190611952797812011-04-30T10:59:54.956+05:302011-04-30T10:59:54.956+05:30रोचक...प्रतीक्षा....सुखान्त?रोचक...प्रतीक्षा....सुखान्त?प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-91749620289384406392011-04-30T00:38:14.107+05:302011-04-30T00:38:14.107+05:30दुत्तेरी.. कहानी इस्पीड धरबे किया था कि दन्न दे क्...दुत्तेरी.. कहानी इस्पीड धरबे किया था कि दन्न दे क्रमशः का इस्पीड ब्रेकर आ गया.. रंजू बहिन, अब हम पूरा मन का बात पोरा कहानी सुनले पर लिखेंगे.. अभी हाजिरी लगा देते हैं..चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-26179745558337307832011-04-29T20:49:07.839+05:302011-04-29T20:49:07.839+05:30इसीलिये नियमित पठन पाठन आवश्यक है/जब कुछ लिखना हो ...इसीलिये नियमित पठन पाठन आवश्यक है/जब कुछ लिखना हो और मूड न बन रहा हो तो पुरानी यादें करना ही चाािहये/संतों के प्रभाव से क्षेत्र मे सात्विकता आ ही जाती है/बच्चे यदि मां के साथ मिल कर पिता की अवहेलना करे तो सिवाय घर छोडने के और क्या रास्ता रह जाता है जीवन साथी की तुलना में नौकर श्रेष्ठ निकलते हैं/बाबा के यहां कितनी शान्ति मिली होगी/ नौकर अभागा था लेकिन सेवा धर्म ने जन्मजात घोषित अभागे को भाग्यवान बनादिया । सेवक धर्म सवसे ज्यादा कठिन है। शिक्षाप्रद आलेखBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-35980489421668170782011-04-29T19:19:38.869+05:302011-04-29T19:19:38.869+05:30Aapke kahne kaa andaaz hamesha hee
alag hota hai -...Aapke kahne kaa andaaz hamesha hee<br />alag hota hai - rochak aur sparshniy . Jitna padha hai , bahut<br />hee achchha lagaa hai . Aglee<br />kadee ke intezaar mein .pran sharmahttps://www.blogger.com/profile/14658673113780007596noreply@blogger.com