tag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post8575189251695915230..comments2024-01-31T15:59:22.446+05:30Comments on संवेदना संसार: भोला पन है या मति विभ्रमरंजनाhttp://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-31926828752121753792008-10-22T15:15:00.000+05:302008-10-22T15:15:00.000+05:30भग्न ह्रदय आघात को सहकर,कैसे कोई फ़िर आस संजोये।पथर...भग्न ह्रदय आघात को सहकर,<BR/><BR/>कैसे कोई फ़िर आस संजोये।<BR/><BR/>पथराये नयनो में उर में,<BR/><BR/>कैसे पुनः कोई स्वप्न सजाये .<BR/><BR/>जाने कि अपनापन बस भ्रम है,<BR/><BR/>मन फ़िर क्यों न तृष्णा त्यागे.<BR/><BR/><BR/><BR/>bahut khoob ranjana ji<BR/>shaandaarManuj Mehtahttps://www.blogger.com/profile/12578930117506914122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-75594312763127822022008-10-19T18:35:00.000+05:302008-10-19T18:35:00.000+05:30बेहतरीन रचना के लिए आपको बधाई शब्दों का अच्छा खा...बेहतरीन रचना के लिए आपको बधाई शब्दों का अच्छा खासा अंबार है आपके मष्तिष्क में आभारमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-53521706785487647762008-10-19T16:28:00.000+05:302008-10-19T16:28:00.000+05:30bahut sunderwell composed tooregardsbahut sunder<BR/>well composed too<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-58819989210803395922008-10-18T23:15:00.000+05:302008-10-18T23:15:00.000+05:30रंजना जी यह कविता अद्भुत शब्द सरिता है। इसमें जित...रंजना जी यह कविता अद्भुत शब्द सरिता है। इसमें जितनी बार डुबकी लगाअो, हर बार उतने ही तरोताजा होकर निकलते हैं। आज आपकी टिप्पणी की नैया पर सवार होकर पुण्य सलिला तक आने का सौभाग्य मिला।महेश लिलोरियाhttps://www.blogger.com/profile/10869978098249622772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-21119597973769838052008-10-18T22:05:00.000+05:302008-10-18T22:05:00.000+05:30अब कौन भला चित को समझाए.हास रुदन के फेर में पड़कर,...अब कौन भला चित को समझाए.<BR/><BR/>हास रुदन के फेर में पड़कर,<BR/><BR/>चहुदिन अपनी गति कराये.<BR/><BR/>भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/><BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये.<BR/><BR/><BR/>बहुत ही सुंदर रचना है !!!!!विक्रांत बेशर्माhttps://www.blogger.com/profile/07105086711896834472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-86885438837374588302008-10-18T21:18:00.000+05:302008-10-18T21:18:00.000+05:30हास रुदन के फेर में पड़कर,चहुदिन अपनी गति कराये.भो...हास रुदन के फेर में पड़कर,<BR/><BR/>चहुदिन अपनी गति कराये.<BR/><BR/>भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/><BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये....<BR/>gajab ka sammohan hai is lekhan meरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-24318902195736396242008-10-18T12:45:00.000+05:302008-10-18T12:45:00.000+05:30जाने कि अपनापन बस भ्रम है,मन फ़िर क्यों न तृष्णा त्...जाने कि अपनापन बस भ्रम है,<BR/><BR/>मन फ़िर क्यों न तृष्णा त्यागे.<BR/><BR/> Vastav mein kafi smvedna hai aapke blog sansaar mein.Aur jaan kar acha laga ki aap bhi Jharkhand se hain. Regards.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-74708206113299800542008-10-18T09:17:00.000+05:302008-10-18T09:17:00.000+05:30भोला पन है या मति विभ्रम,अब कौन इसे यह भेद बताये.अ...भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/><BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये.<BR/>अति सुंदर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-24947193974470080112008-10-18T08:14:00.000+05:302008-10-18T08:14:00.000+05:30दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ "" कृपा बनाए रखें /BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-42419839221333760462008-10-18T02:11:00.000+05:302008-10-18T02:11:00.000+05:30अछ्ची रचना है आपकीअछ्ची रचना है आपकीDr. Ashok Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01184710406024316074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-55981454395341179262008-10-18T01:21:00.000+05:302008-10-18T01:21:00.000+05:30बहुत उम्दा, क्या बात है!आनन्द आ गया.बहुत उम्दा, क्या बात है!आनन्द आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-78177516706680139132008-10-17T19:46:00.000+05:302008-10-17T19:46:00.000+05:30सुंदर कविता।सुंदर कविता।वर्षाhttps://www.blogger.com/profile/01287301277886608962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-76730330817374156152008-10-17T17:19:00.000+05:302008-10-17T17:19:00.000+05:30शब्दों तो भण्डार तो है ही आपके पास. लेकिन शब्दों क...शब्दों तो भण्डार तो है ही आपके पास. लेकिन शब्दों को सही जगह पर रखने की समझ अद्भुत है.<BR/>बहुत सुंदर कविता है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-80408148976133959982008-10-17T16:56:00.000+05:302008-10-17T16:56:00.000+05:30पथराये नयनो में उर में,कैसे पुनः कोई स्वप्न सजाये ...पथराये नयनो में उर में,<BR/><BR/>कैसे पुनः कोई स्वप्न सजाये .<BR/><BR/>जाने कि अपनापन बस भ्रम है,<BR/><BR/>मन फ़िर क्यों न तृष्णा त्यागे<BR/><BR/>बहुत ही मार्मिक शब्दों का प्रयोग, वकियी कुछ पंक्तियाँ तो दिल को छू गई, बांटने के लिए शुक्रिया.Manuj Mehtahttps://www.blogger.com/profile/12578930117506914122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-88616884939799340562008-10-17T14:20:00.000+05:302008-10-17T14:20:00.000+05:30सुंदर अभिव्यक्ति.......आपका अपना ही एक ख़ास अंदाज ...सुंदर अभिव्यक्ति.......आपका अपना ही एक ख़ास अंदाज है....शब्दों के चयन में भी....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-29056648946939278552008-10-17T14:17:00.000+05:302008-10-17T14:17:00.000+05:30बहुत खूब .बहुत खूब .विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-75872682780351059572008-10-17T04:27:00.000+05:302008-10-17T04:27:00.000+05:30भोला पन है या मति विभ्रम,अब कौन इसे यह भेद बताये.R...भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये.<BR/><B>Rose is a rose is a rose is a rose</B>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-30957740452464959872008-10-17T00:59:00.000+05:302008-10-17T00:59:00.000+05:30भोला पन है या मति विभ्रम,अब कौन इसे यह भेद बताये.र...भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/><BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये.<BR/>रंजना जी बहुत ही सुंदर कविता<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-46970228063203275922008-10-16T21:10:00.000+05:302008-10-16T21:10:00.000+05:30पहले तो मुझको ही मति विभ्रम हो गया की नराला जी को ...पहले तो मुझको ही मति विभ्रम हो गया की नराला जी को पढ़ रहा हूँ शिवमंगल सिंह जी को या श्रीयुत सुमित्रानंदन जी को =सचमे आप शब्दों का शब्दकोष हैं -हास-रुदन ,,मति विभ्रम ,,स्नेहिल उर ,,और फिर ये लाइन कि ""पथराये नयनों में ,उर में कैसे कोई स्वप्न सजाये बहुत बहुत बहुत सुंदर बन पड़ा है/<BR/>आपने मुझे आदेशित किया था कि ब्लोग्वानी पर रजिस्टर करालूँ -तो उन्होंने जो माँगा वो मैंने भर दिया था अब उन्होंने किया या नहीं /मुझे कुछ आता नहीं है अभी पाँच छ :महीना से ही कम्पुटर सीख रहा हूँ एक सज्जन ने ब्लॉग बनवा दिया एक ब्लोगर ने हिन्दी लिखना सिखा दिया /आपने निर्देश देने की बात कही मुझे कहीं भी आपका निर्देश नहीं मिला /<BR/>आज एक लेख ""पापा तुम भी ब्लॉग बनालो ""लिखा है /शायद आपको कुछ अच्छा लगे /BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-4418507543909367762008-10-16T20:24:00.000+05:302008-10-16T20:24:00.000+05:30विचार और शब्द - दोनो का ही प्रभावी संगम है आपकी कव...विचार और शब्द - दोनो का ही प्रभावी संगम है आपकी कविता में। बधाई।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-60606611260079324022008-10-16T18:43:00.000+05:302008-10-16T18:43:00.000+05:30भग्न ह्रदय आघात को सहकर,कैसे कोई फ़िर(--> फिर) आ...भग्न ह्रदय आघात को सहकर,<BR/>कैसे कोई फ़िर(--> फिर) आस संजोये।<BR/><BR/>सुन्दर शब्द चयनVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-58393806884568824922008-10-16T18:34:00.000+05:302008-10-16T18:34:00.000+05:30अब कौन भला चित को समझाए.हास रुदन के फेर में पड़कर,...अब कौन भला चित को समझाए.<BR/><BR/>हास रुदन के फेर में पड़कर,<BR/><BR/>चहुदिन अपनी गति कराये.<BR/><BR/>भोला पन है या मति विभ्रम,<BR/><BR/>अब कौन इसे यह भेद बताये.<BR/><BR/>वाह यही बात तो समझ न पाये :) बहुत बढ़िया ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-42972754698716315732008-10-16T18:32:00.000+05:302008-10-16T18:32:00.000+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति सार्थक शब्दों में, बहुत-बह...सुन्दर अभिव्यक्ति सार्थक शब्दों में, बहुत-बहुत बधाई।Suneel R. Karmelehttps://www.blogger.com/profile/03638450569979915656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-31517256622549408382008-10-16T17:52:00.000+05:302008-10-16T17:52:00.000+05:30सुंदर अभिव्यक्ति, सुन्दर कविता, सुन्दर भावसुंदर अभिव्यक्ति, सुन्दर कविता, सुन्दर भावVivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3630123509017373846.post-85259877092645282042008-10-16T17:17:00.000+05:302008-10-16T17:17:00.000+05:30बहुत ही सुंदर कविता बधाईबहुत ही सुंदर कविता बधाईRADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.com